जानिए BSE और NSE क्या है इनके बीच क्या अंतर

आज के लेख में हम बात करने वाले हैं। BSE और NSE क्या है? और इनके बीच में क्या अंतर है? यह सवाल हर कोई जानता है जो शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करता है। सब को यह मालूम है शेयर मार्केट में 2 स्टॉक एक्सचेंज होते हैं।

BSE और NSE लेकिन BSE क्या है? और NSE क्या है? इन दोनों में क्या अंतर है कुछ लोगों को पता नहीं होता। आज हम आपको NSE और BSE क्या है? और इन दोनों के बीच क्या अंतर है? इस बारे में बताने वाले हैं तो चलिए बिना देरी किए जानते हैं NSE और BSE क्या है।

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BSE क्या है आइए जानते हैं

BSE का फुल फॉर्म है (Bombay Stock Exchange, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) यह एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का दसवाँ सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में से एक है। जिसे 1875 में प्रेमचंद रायचंद के द्वारा शुरू किया गया था। भारत में शेयर मार्केट में कुल मिलाकर 23 स्टॉक मार्केट है।

उनमें से सबसे ज्यादा ट्रेडिंग करने वाला BSE स्टॉक एक्सचेंज है। और 1957 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेटर एक्ट के तहत मान्यता प्राप्त हुई थी। और 1986 में BSE ने अपना इंडेक्स निकाला जिसे Sensex नाम दिया गया यह एक बेंचमार्क है जिसमे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड टॉप 30 कम्पनियां शामिल है।

BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है 145 साल पुराना होने और ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम को देरी से अपनाने के कारण BSE में ट्रेड वॉल्यूम NSE के मुकाबले कम रहता है। और यह सेबी के Rule & Regulation के तहत काम करती है। इसका अनुमानित बाजार कैपिटल 4.9 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है।

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आइए जानते हैं BSE कैसे काम करता

BSE जैसा कि आप सब जानते हैं 5000 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है। उन 5000 कंपनियों के शेयर BSE के पास होते हैं। जहां से आप शेयर खरीद सकते हैं। और शेयर बेच सकते हैं।

BSE का परफॉर्मेंस मापने के लिए Sensex को देखा जाता है यानी कि BSE परफॉर्मेंस Sensex द्वारा मापा जाता है। Sensex में बढ़ोतरी इसके अच्छे परफॉर्मेंस को दर्शाती है जबकि Sensex में कमी के होने का अर्थ बाजार में गिरावट से लगाया जाता है।

NSE क्या है आइए जानते हैं

NSE का स्थापना 1992 में मुंबई में किया गया NSE का पूरा नाम है। (National Stock Exchange,नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) यह भारत का पहला और वर्ल्ड फाइनेंस मार्केट में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

जिसे भारत सरकार और SEBI के सहयोग के द्वारा स्थापित किया गया दरअसल नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को लाने का सबसे बड़ा एक कारण था सिक्योरिटी स्कैम (हर्षद मेहता स्कैम) के बारे में आप लोगों को मालूम होगा बाजार में हेर फेर के पर्दाफाश के बाद NSE को स्थापित किया गया।

जिसका मुख्य लक्ष्य था इन्वेस्टर और इन्वेस्टमेंट के लिए Equal Rights and Access देना था स्टॉक मार्केट में भरोसेमंद स्टॉक एक्सचेंज होने के कारण आज की तारीख में NSE पर 1900 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड है। और सबसे ज्यादा ट्रेड वॉल्यूम रहता है।

NSE अपने इस उद्देश्य में सफल हुआ जिसके बाद शेयर खरीदने, शेयर होल्ड करने और बेचने जैसे मुश्किल कामों को भी ऑनलाइन कर दिया गया आज आप एक डिमैट अकाउंट खोल कर के कल से ही शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग शुरू कर सकते हैं और यह सब NSE के आने के बाद ही आसान हो

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आइए जानते हैं NSE कैसे काम करता है

जैसा कि हमने आपको BSE के बारे में बताया है। वैसे ही NSE के बारे में बता रहे हैं NSE कैसे काम करता है। NSE में 1900 से ज्यादा कंपनियां लिस्टिंग है।

जिन कंपनियों से आप शेयर खरीदना चाहे खरीद सकते हैं और शेयर बेचना चाहे तो बेच सकते हैं। अगर आपको किसी भी कंपनी का शेयर खरीदना है। तो आप डायरेक्ट उस कंपनी का शेयर नहीं खरीद सकते क्योंकि किसी भी कंपनी को आइपीओ लाने से पहले सेबी से अप्रूवल लेना होता है।

जब तक सेवी अप्रूवल नहीं देती तब तक उस कंपनी के शेयर खरीद नहीं सकते अब आप सोच रहे होंगे यह सेबी क्या है? सेबी (security exchange board of India) है जैसे कि बैंकों के लिए एक RBI है।

वैसे ही शेयर मार्केट के लिए सेबी है सेबी की स्थापना गवर्नमेंट के द्वारा किया गया है। सेबी का काम है NSE, BSE और सभी स्टॉक एक्सचेंज के ऊपर निगरानी रखना है कि यह लोग ठीक तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं कोई गलत तरीके से काम कर तो नहीं रहा है तो उसके खिलाफ एक्शन लेती है सेवी।

NSE का मुख्य उद्देश्य भारत में शेयर की ट्रेडिंग को बढ़ावा देना है जितना ज्यादा कंपनियों को ट्रेडिंग बढ़ाएगी उतना ज्यादा देश में रोजगार खुलने के अवसर भी बढ़ेंगे और इनकम के रास्ते खुलेंगे।

अधिक जानकारी के लिए पढ़े : BSE और NSE क्या है इनके बीच अंतर ?

अब आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर हैं BSE और NSE में

BSE और NSE दोनों ही शेयर मार्केट के सबसे पॉपुलर स्टॉक एक्सचेंज है अगर आप शेयर मार्केट में लंबे समय से इन्वेस्ट करते हैं। तो आपको इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज के बारे में अंतर जरूर मालूम होना चाहिए अगर नहीं है।

तो आप हमारे लेख को पढ़ सकते हैं। जिसमें हमने step by step नीचे लिख दिया है। इसे ध्यानपूर्वक पढ़े और दोनों के बीच Compare करें।

BSE में अंतर देखें

  • BSE बीएसपी की शुरुआत 1875 में हुई थी
  • BSE को 1957 स्टॉक एक्सचेंज की मान्यता प्राप्त हुई
  • BSE मे 5000 कंपनीया लिस्टेड है
  • BSE में Electronic Exchange System की शुरुवात 1995 में
  • BSE का $2.19 ट्रिलियन डॉलर
  • BSE 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है
  • BSE अपने बेंचमार्क Sensex 30 Companies से जाना जाता है
  • BSE ये एक एशिया का old स्टॉक एक्सचेंज है

NSE में अंतर देखें

  • NSE की शुरुआत 1992 में हुई थी
  • NSE को 1993 में स्ट्रक्चर की मान्यता प्राप्त हुई
  • NSE मे 1900 से ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है
  • NSE ट्रेड वॉल्यूम के आधार पर BSE से आगे
  • NSE में Electronic Exchange System की शुरुवात 1992 में
  • NSE का मार्केट कैप $2.1 ट्रिलियन डॉलर है
  • NSE दुनिया का 11वां है
  • बेहतर सुविधाओं के कारण नये निवेशक BSE की तुलना में NSE को ज्यादा इंपॉर्टेंट देते है
  • NSE अपने इंडेक्स Nifty 50 Companies से जाना जाता है

BSE और NSE क्या है इनके बीच क्या अंतर से संबंधित प्रश्न और उत्तर

भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज?

पहले भारत में कुल 24 स्टॉक एक्सचेंज हुआ करते थे लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 23 हो गई है।

भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज कौन सा है?

(NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स – निफ्टी 50 का उपयोग भारतीय पूँजी बाजारों के बैरोमीटर के रूप में भारत और दुनिया भर के निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता है। बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज – (BSE) यह एशिया और भारत का सबसे बड़ा स्टाॅक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना 1875 में हुई थी। इस एक्सचेंज की पहुंच 417 शहरों तक है।

भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज कौन सा है?

आज BSE के नाम से चर्चित मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को वर्ष 1875 में “द नैटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन” के रूप में स्थापित किया गया था. BSE भारत का ऐसा पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसने भारत सरकार के सिक्योरिटीज कॉंट्रैक्ट्स( विनियमन) कानून 1956 के तहत स्थायी मान्यता प्राप्त की.

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कैसे किया जाता है?

आम तौर पर देखें तो भारत में स्टॉक एक्सचेंज में कोई बाजार निर्माता या विशेषज्ञ मौजूद नहीं होते हैं, इसलिए यह स्वतंत्र रूप से कार्य करता है। यहाँ पर ट्रेडिंग की पूरी प्रक्रिया आर्डर देने पर संचालित होती है और इन आर्डर को इलेक्ट्रॉनिक लिमिट आर्डर बुक द्वारा संचालित किया जाता है।

पहला सेंसेक्स भारत में कब शुरू किया गया?

9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।

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