क्या आप म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में निवेश करते हैं? निवेश करने से पहले म्यूचुअल फंड को जान लेना बहुत जरूरी है। इससे आपको निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड? हम आपको यह भी बता रहे हैं कि आप म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश कर सकते हैं?
तो यहां पर ‘शीर्ष 10 म्यूचुअल फंड’ के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे आप मदद ले सकते हैं। अगर आप एक नए म्यूचुअल फंड निवेशक हैं, तो आपके दिमाग में यह सवाल हमेशा आता होगा कि ‘कहां पर निवेश करें और ‘हमें कितना निवेश करना चाहिए?’
म्यूचुअल फंड क्या है?
एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है, जिसके जरिए आप एकमुश्त या रेग्युलर निवेश कर सकते हैं। इसमें शेयर बाजार में सीधे निवेश की बजाय कम जोखिम रहता है। रिटर्न भी ट्रेडिशनल ऑप्शन जैसे कि बैंक FD,RD के मुकाबले ज्यादा मिल सकता है। सरल शब्दों में समझा जाए तो म्यूचुअल फंड दरअसल बहुत सारे लोगों के पैसे से बना हुआ फंड होता है।
जिसमें लगाई गई रकम अलग-अलग जगहों पर निवेश करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें फंड हाउस की यह कोशिश रहती है कि निवेशक को उसके पैसे पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिया जाए। इसके लिए प्रोफेशनल फंड मैनेजर (Fund Manager) होते हैं।
ये फंड मैनेजर आपके पैसे का मैनेजमेंट करते हैं, कि कहां आपका पैसा लगाया जाए, जिससे आपको बेहतर रिटर्न मिल सके। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है, जिन्हें हमें पहले ही तैयार कर लेना चाहिए।
कैसे बन जाता है करोड़ों का फंड
अगर म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में कोई रोज 100 रुपये यानी 3000 रुपये महीने का निवेश हर माह करे तो आसानी से करोड़पति बना जा सकता है। इस निवेश को 30 साल के लिए चलाना होगा। यहां पर माना गया है कि रिटर्न औसतन 12 फीसदी मिला है। ऐसे में यह 3000 रुपये निवेश आराम से करीब 1 करोड़ रुपये बन जाएगा।
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शेयर बाजार बनाम म्युचुअल फंड
बहुत सारे लोग सीधे शेयर बाजार (या शेयर बाजार) में निवेश करने की कोशिश करते हैं। यह खतरनाक हो जाता है जब उन लोगों को शेयर बाजार के बारे में अपर्याप्त ज्ञान होता है। कैसे शेयरों का चयन करना है। उनका मूल्यांकन कैसे करना है।
किन कारकों को देखना है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनकी निगरानी कैसे करें और बाहर निकलें। सीधे शेयर बाजार में निवेश करना विशेषज्ञों के लिए है। म्यूचुअल फंड्स को फंड मैनेजर्स नामक पेशेवरों द्वारा प्रबंधित किया जाता है। जिनके पास उपरोक्त सभी में पेशेवर योग्यता। अनुभव और विशेषज्ञता है।
इस योजना के आधार पर। फंड हाउस एक प्रबंधन शुल्क लेते हैं। जो प्रति वर्ष 0.2% कम (के लिए) हो सकता हैतरल धन) के रूप में उच्च 2.5% p.a. के लियेइक्विटी फंड। उनकी सेवाओं के लिए एक पेशेवर को भुगतान करना और लंबे समय में यह सुनिश्चित करना कि आपको लाभ हो। यह एक अच्छी बात है। यह निवेश करने का एक स्मार्ट तरीका है! तो खुदरा निवेशकों के लिए, शेयर बाजार में सीधे निवेश करने के खिलाफ, म्युचुअल फंड साही है!
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म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश?
आप किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं। अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं।
अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं। अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है। इस तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में एक दिक्कत यह है कि आपको खुद रिसर्च करना पड़ता है।
म्यूचुअल फंड के फायदे और नुकसान
म्युचुअल फंड आप के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन निवेश से पहले आपको इसकी सही जानकारी होना जरूरी है। निवेश से पहले म्युचअल फंड के फायदे और नुकसान के बारे में जरूर जान लें।
म्यूच्यूअल फंड के फायदे
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प्रोफेशनल मैनेजमेंट की सुविधा
म्युचुअल फंड्स का प्रबंधन इस कार्य में कुशल प्रोफेशनल्स करते हैं। जिन निवेशकों के पास पर्याप्त पैसा और जानकारी नहीं होती वो म्युचुअल फंड खरीदते वक्त इन प्रोफेशनल्स पर भरोसा करते हैं, ताकि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का प्रबंधन कर सके। इस तरह म्युचुअल फंड आपके निवेश और उस पर नजर रखने का सस्ता तरीका होता है।
म्यूच्यूअल फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा हैं यहा पर फंड्स संबधित स्टडी देख रेख और दुसरे काम विशेषज्ञों द्वारा किये जाते हैं। जिन्हें इनकी पूरी जानकरी और तजुर्बा होता हैं। वो ये सुनिश्चित करते है की आपका पैसा सही जगह लगा हैं और आप जायदा से जायदा पैसे कमा सके।
सुरक्षित निवेश
म्यूच्यूअल फण्ड का नियामक (regulator) संस्था सेबी (SEBI) है जो इन पर कड़ा नियंत्रण रखता है एवं नियमों की पालना करने हेतु बाध्य करता है। जैसे सभी बैंको का रेगुलेटर आरबीआई होता है वैसे ही म्यूच्यूअल फंड्स का रेगुलेटर सेबी होता है।
SEBI एक सरकारी संस्थान है जो Mutual fund Houses को अपने अधीन पंजीकृत करता है। इसलिए आपका निवेश म्यूच्यूअल फंड में शत-प्रतिशत सुरक्षित रहता है।
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कम पूंजी से भी निवेश का विकल्प
अगर आपको सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करना है तो आपको अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी। परंतु आप बहुत कम पैसे से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करके स्टॉक मार्केट के रिटर्न का फायदा उठा सकते हैं।
म्यूच्यूअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 रुपए से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं। अगर आपको लम सम करना है तो भी आप अपने बजट के अनुसार ₹1000 से ₹5000 से लम सम करवा सकते हैं। इसमें आपको बहुत ज्यादा रकम की आवश्यकता नहीं होती हैं। साथ ही आपको निवेश करने के लिए इंतजार नहीं करना होगा की जब आपकी इनकम ज्यादा होगी तब आप निवेश करेंगे।
म्यूच्यूअल फंड से समय की बचत
अगर आप सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो आपको लगातार मार्केट के उतार-चढ़ाव को मॉनिटर करना होता है। साथ ही रिसर्च एवं analysis करने के लिए आपको समय निकालना पड़ेगा लेकिन म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है। बस आपको निवेश करके निश्चित हो जाना है। अगर आप 6 महीने या 1 वर्ष में एक बार भी अपने पोर्टफोलियो को रिव्यु करेंगे तब भी आपका काम चल जाएगा।
कम टैक्स
किसी भी जगह इन्वेस्ट करने से पहले एक बात जो मन में आती है वो है टैक्स, हमें उसमे टैक्स कितना भरना पड़ेगा। इस मामले में म्यूच्यूअल फण्ड सही हैं। इसमें पैसे निवेश करने पर आपको औरो के मुकाबले कम टैक्स देना पड़ता हैं। उदहारण के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड पर Long-term capital gain tax जीरो होता हैं। जिसका मतलब हैं अगर आप अपनी इन्वेस्टमेंट एक साल के अंदर बेच देते हो तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
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निवेश करने की कम लागत
निवेश करने के लिए आपको मात्र एक्सपेंस रेश्यो के रूप में फीस चुकानी होती है जो कि बहुत कम होती है। एक्सपेंस रेश्यो 1 से 2% के आस-पास रहता हैं। इस प्रकार बहुत ही कम लागत पर एक प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर आपके पैसे को मैनेज करता हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान
रिटर्न की गारंटी नहीं
बाजार में मौजूद कई इन्वेस्टमेंट ऑप्शन आपको एक निश्चित रिटर्न ऑफर करते हैं। परंतु म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है। Mutual Funds का मुनाफा सीधा स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ है जहां हमेशा उतार-चढ़ाव लगा रहता है। स्टॉक मार्केट हमेशा अपने साथ रिस्क की अनिश्चितता लेकर चलता है। इसी वजह से म्यूच्यूअल फंड्स का मुनाफा भी लगातार ऊपर-नीचे होता रहता हैं।
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने का प्रयास कर रहे हैं तो शायद आप इसमें असफल हो जाओ। अगर यही निवेश आप धैर्य के साथ लंबे समय तक बना कर रखते हो तो आपको निश्चित तौर पर बड़ा मुनाफा होगा।
लॉक-इन-अवधि
लॉक इन अवधि से तात्पर्य है कि आपको अपना निवेश किया गया पैसा एक निश्चित समय के लिए जमा करना होगा और उस दौरान आप उस पैसे को निकाल नहीं सकते है। अगर आप उस पैसे को निकालते हैं तो आपको अपने निवेश पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
डायरेक्ट निवेश से हानि
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए निवेशक को तकनीकी जानकारी होना आवश्यक है इसका अर्थ है कि निवेशक बाजार की स्थिति के बारे में जानता हो और उसे पता हो की म्यूच्यूअल फंड कैसे काम करता है।
अगर निवेशक को इन बातों की समझ नहीं होगी तो डायरेक्ट निवेश करने में गलतियों की संभावना रहती है। अधिक रिटर्न पाने के लिए डायरेक्ट निवेश बेहतर विकल्प है परंतु बिना समझ के इस में हाथ डालना बेवकूफी भरा हो सकता है।
कम मुनाफा
इस मार्किट में पैसा लगाने में निवेश में विविधता का फायदा आप उपर पढ़ चुके हैं। पर उस निवेश में विविधता से जहा एक तरफ जोखिम कम होता हैं तो दूसरी और ये आपको ज्यादा मुनाफा कमाने से भी रोकता हैं। इसलिए जिन लोगो को कम समय में काफी मुनाफा कमाना है उनके लिया कुछ म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट सही साबित नहीं होती। इसी वजह से हम आपको एक से ज्यादा म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह देंगे।
रिटर्न पर टैक्स
आपके म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न पर भी टैक्स लगता है जिससे आपका मुनाफा कुछ प्रतिशत से घट जाता है। इक्विटी में 12 महीने से कम अवधि के लिए STCG टैक्स (Short term capital gain) 15% से और 12 या अधिक महीनों के लिए आपको LTCG टैक्स 10% से (Long term capital gain) देना होता है।
स्कीम चुनने में गलती
भारत के अलग-अलग म्युचुअल फंड हाउस कई स्कीमों की पेशकश करते हैं। निवेशकों के द्वारा एक सही स्कीम का चयन करना आसान बात नहीं है। अधिकतर निवेशक भविष्य के प्रदर्शन को ध्यान में न रखते हुए पिछले प्रदर्शन को देखकर स्कीम का चुनाव कर देते है।
इस तरह से वह संभावित रिटर्न पाने से वंचित हो जाते हैं जिसे किसी दूसरे स्कीम में निवेश करके प्राप्त कर सकते थे इसलिए इस बात का खासतौर पर ख्याल रखना चाहिये कि आप बेहतरीन रिटर्न वाले म्यूच्यूअल फण्ड मे निवेश करे ताकि उसका फायदा आपको मिले।
एग्जिट लोड (Exit Load) लेना
अगर आप म्यूचुअल फंड के निवेश को 1 वर्ष के भीतर ही निकाल लेते हैं तो आपको उस पर 1% Exit Load देना होगा यह NAV का बहुत छोटा सा हिस्सा है। Exit Load को लगाने का मकसद है कि निवेशक बहार न जाये क्योकि कई लोग स्कीम्स मे एंट्री व एग्जिट करते है। यह उन लोगो के लिए बेकार है जो म्यूच्यूअल फंड से अपना पैसा जल्दी निकलना चाहते है।
म्यूचुअल फंड से संबंधित प्रश्न और उत्तर
म्यूच्यूअल फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?
अमूमन म्यूचुअल फंड्स में 10 से 12 फीसदी तक का अनुमानित रिटर्न मिलता है। एसआईपी के जरिए इंवेस्ट किया जाए तो जोखिम कम रहता है। इसमें आप थोड़ा-थोड़ा पैसा लगाकर लाखों रुपए जोड़ सकते हैं। अगर आप हर महीने महज 1500 रुपए भी निवेश करते हैं तो आप इसके जरिए 30 साल में लगभग 53 लाख तक का फंड बना सकते हैं।
भारत का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड कौन सा है?
भारत में शीर्ष 10 एएमसी हैं:
- एसबीआई म्यूचुअल फंड
- एचडीएफसी म्यूचुअल फंड
- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड
- रिलायंस म्यूचुअल फंड
- आदित्यबिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड
- डीएसपी ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड
- म्यूचुअल फंड बॉक्स
- टाटा म्यूचुअल फंड
क्या म्यूच्यूअल फण्ड सही है?
म्यूचुअल फंड्स साही है निवेशक समुदाय में म्यूचुअल फंड्स के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (AMFI) द्वारा हाल ही में शुरू किया गया अभियान है। इस अभियान के साथ, एएमएफआई विभिन्न निवेशक प्रश्नों को संबोधित करता है।
जैसे म्यूचुअल फंड अर्थ, म्यूचुअल फंड कंपनियां,सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड म्यूच्यूअल फण्ड निवेश कैसे करें और कैसे करेंनिवेश म्युचुअल फंड में समझ में आता है। यह सही मायने में “म्युचुअल फंड साहि है” टैगलाइन के साथ भारतीय निवेशक के दिमाग में आने की कोशिश कर रहा है।
देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड हैं?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड
- डेट म्यूचुअल फंड
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
इसमें निवेशक एकमुश्त रकम डेट फंड में लगाते हैं. इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।
म्यूचुअल फंड क्या है हिंदी में?
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) मतलब रिस्की निवेश मान लिया गया है। म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में पैसा अलग-अलग शेयर और बांड में इन्वेस्ट किया जाता है। इसका फायदा यह है कि अगर किसी एक कंपनी में लगा पैसा दिक्कत में भी आ जाए तो बाकी जगह पर लगा हुआ पैसा उसे कवर कर ले। इससे आपका नुकसान नहीं हो पाए।
निष्कर्ष
दोस्तों, निवेश करना बहुत अच्छी आदत है और अगर निवेश समझदारी से किया जाए तो आपको ये बहुत बढ़िया मुनाफा दे सकता है। अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में समझदारी से निवेश करते हैं तो यकीन मानिए आप लंबे समय में अवश्य अच्छा-खासा रिटर्न कमा लेंगे।
निष्कर्तः Mutual funds में निवेश करके अमीर बना जा सकता है परंतु कम समय में नहीं।
तो दोस्तों आपने इस पोस्ट के माध्यम से Mutual Fund investment in hindi और म्यूच्यूअल फण्ड के नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपके कोई मन मे कोई भी सवाल हो तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते।