शेयर मार्केट के बारे में जानकारियां
इस आर्टिकल में हम शेयर मार्केट से जुड़ी हुई कुछ जरूरी बातों को जानेंगे जिनमें से शेयर मार्केट क्या है
शेयर मार्केट की शुरुआत कैसे करें, शेयर बाजार में निवेश कैसे करें, शेयर होल्डर किसे कहते हैं, कंपनी क्यों शेयर बेचती है, इन्वेस्टर क्या है, शेयर कितनी तरह से खरीद बेच सकते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग,स्विंग ट्रेडिंग, लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट, Trading Vs Investment बेहतर क्या है,शेयर कैसे खरीदते है, डीमैट अकाउंट क्या होता है, डीमैट अकाउंट के फायदे,डीमैट अकाउंट कैसे खोलें, शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है
शेयर बाजार में नुकसान से कैसे बचे,अच्छे शेयर कैसे चुने, किस कंपनी का शेयर खरीदे, शेयर कब खरीदे, शेयर बाजार में उतार चढ़ाव कैसे आता है, शेयर के दाम कैसे बढ़ते हैं।
शेयर मार्केट क्या है
शेयर मार्केट एक ऐसी मार्केट है जहां पर शेयर खरीद और बेच सकते हैं अब बात करते हैं शेयर क्या होता है शेयर किसी भी चीज का हिस्सा है जैसे यहां पर शेयर मार्केट में कंपनी होती है बहुत ही ज्यादा महंगी होती है जैसे कि वह कई हजार से लाख करोड़ों की कंपनी होती है। कोई भी इंसान अगर कंपनी खरीदना चाहे तो अकेला खरीद पाना नामुमकिन सा होता है।
तो इसीलिए कंपनी का शेअर कोई भी इंसान खरीद सके इसलिए उसके छोटे छोटे हिस्से किए जाते हैं जिससे कि कोई भी उसको खरीद सके और वक्त पर उसे बेच भी सके जब उसका दिल चाहे तो जब कंपनियों का छोटा छोटा हिस्सा कर दिया जाता है तो उसे शेयर कहते हैं तो शेयर मार्केट में उसी हिस्से को खरीदे और बेच सकते हैं।
शेयर मार्केट में शुरुआत कैसे करें
शेयर मार्केट की शुरुआत करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए फिर उसके जरिए शेयर खरीद और बेच सकते है। जैसे कि मिसाल के लिए जब हम बाजार में जाते हैं कोई भी चीज खरीदने के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है।
पैसे से हम कुछ भी खरीद सकते हैं शेयर मार्केट में पैसे से शेयर तो खरीदते हैं। लेकिन शेयर मार्केट में शेयर को डायरेक्ट खरीद नहीं सकते जो भी कंपनी होती है वो NSE और BSE दो स्टॉक एक्सचेंज है मोस्टली इन्हीं पर लिस्ट होती हैं।
हम इन्हीं दोनों की बात करेंगे इनमें कंपनी लिस्ट कर दी जाती है मतलब लोगों के लिए शेयर अब available होते हैं कोई भी शेयर खरीद सके तो NSE और BSE से शेयर खरीदने के लिए डायरेक्ट नहीं खरीद सकता उसके लिए हमें demat अकाउंट की जरूरत पड़ेगी।
उनको हम ब्रोकर कहते हैं तो शेयर हम ब्रोकर के द्वारा खरीद और बेच सकते हैं उसके लिए हमें ब्रोकर के पास अकाउंट ओपन करवाना होता है जैसे हम बैंक में अपना अकाउंट ओपन करवाते हैं उसी तरह से हम ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट ओपन करवाते हैं।
जितने भी बैंक होते हैं ज्यादातर शेयर ब्रोकर भी होते हैं इसके अलावा भी बहुत सारे शेयर खरीदने और बेचने के लिए फैसिलिटी प्रोवाइड करवाते हैं उनके पास अकाउंट ओपन करना होता है जिससे शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे करें
जब आपने अपना अकाउंट ओपन करवा लिया है उसके बाद आपको शेयर खरीदना होगा पहले शेयर खरीदने में मुश्किल होती थी अकाउंट ओपन करने के बाद जिसके पास अकाउंट ओपन किया उसे बोलना पड़ता था मेरे लिए ये शेयर खरीदो लेकिन अब सभी चीजे ऑनलाइन हो गई है शेयर खरीदना आसान हो गया है।
आप ने जिस ब्रोकर के पास अपना अकाउंट ओपन किया है वह आपको एक पोर्टल देंगे उस पोर्टल को लॉग इन करने के बाद जितना आपको शेयर खरीदना हो उतना पैसा आप अपने अकाउंट से ट्रांसफर करके शेयर खरीद सकते हैं।
Shareholder Kise Kehte Hain – शेयर होल्डर किसे कहते है
जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीद लेते हैं तो फिर आप उस कंपनी के शेयर होल्डर बन जाते हैं मतलब उस कंपनी का शेयर आपके पास आ गया है शेयर आने में 3 दिन लगते हैं जब आपके डिमैट अकाउंट में आ जाएगा तो आप उस कंपनी के शेयर होल्डर बन जाते हैं।
Company Share Kyu Bechti Hai – कंपनी शेयर क्यों बेचती है
कंपनी का शेयर खरीद कर कोई भी इंसान बहुत सारा पैसा कमा लेता है फिर कंपनी अपना शेयर क्यों बेचती है? दूसरे लोगों को कंपनी मौका क्यू देती है? कंपनी चाहे तो सारा शेयर अपने पास रख ले वह किसी को खरीदने ना दे लेकिन गवर्नमेंट्स के रूल्स होते हैं की कंपनी जब बड़े लेवल पर पहुंच जाती है।
तब कंपनी के शेयर को पब्लिक के सामने लाना होता है। इसके लिए कंपनी को मार्केट में लिस्ट करनी पड़ती है। कंपनी को और ग्रोथ करने के लिए कंपनी शेयर बेचती है कुछ परसेंटेज पब्लिक के लिए और कुछ कंपनी के प्रमोटर अपने लिए रखते है।
इस तरह कंपनी को बैंक से लोन नहीं लेना पड़ता और पब्लिक के पैसे से कंपनी अपनी जरूरतों को पूरा कर लेती है इससे कंपनी को फायदा होता है और शेयर होल्डर को भी इस तरह कंपनी ज्यादा ग्रोथ करती है और उसके शेयर के दाम लगातार बढ़ते रहते है।
What is Investor इन्वेस्टर क्या है
जिन्होंने किसी कंपनी में पैसा लगाया हो उन्हें इन्वेस्टर कहते हैं ये कोई भी इंसान हो सकता है आम इंसान से लेकर म्यूचल फंड कंपनी या कभी-कभी गवर्नमेंट भी इन्वेस्टर होती हैं किसी कंपनी में पैसे लगाती है तो इस हिसाब से गवर्नमेंट भी इन्वेस्टर होती हैं।
शेयर कितनी तरह से खरीद बेच सकते है
अभी तक आप जान चुके हैं शेयर को कैसे खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। अब ये जानते हैं कि शेयर कितनी तरह से खरीद और बेच सकते है जिसमें कुछ पॉपुलर तरीके लोग इस्तेमाल करते हैं उनमें से तीन कि यहां पर बात कर रहे हैं।
इसके अलावा भी और भी तरीके हो सकते हैं।
सबसे पहला तरीका जो लोग यूज़ करते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग उसके बाद दूसरा तरीका स्विंग ट्रेडिंग और तीसरा तरीका लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट। चलिए जानते हैं इन 3 तरीकों के बारे में।
Intraday Trading – इंट्राडे ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में होता यह है कि मार्केट का टाइमिंग होता है सुबह 9:15 बजे से 3:30 बजे तक उस दौरान कोई भी trader या जो भी लोग शेयर मार्केट में पार्टिसिपेट करते हैं उसी दिन अगर शेयर खरीदते हैं और उसी दिन बेच देते हैं तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है।
ये इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे ज्यादा रिस्की होती है और सबसे ज्यादा पैसों का नुकसान इसी में होता है अगर किसी को इसकी सही से जानकारी नहीं है। तो काफी ज्यादा पैसे बर्बाद कर देते है इंट्राडे ट्रेडिंग मैं कोई स्किल की जरूरत नहीं होती है इंट्राडे ट्रेडिंग Luck पर काम करता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में होता ये है कोई भी इंसान शेयर उसी दिन खरीदता है और उसी दिन बेच देता है या तो शेयर का दाम बढ़ेगा या शेयर का दाम घटेगा या तो उसका फायदा होता है या तो उसका नुकसान होता है।
ज्यादातर इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान ही होता है इसमें हमें मार्जिन मनी भी मिलती है जिससे नुकसान और बढ़ भी सकता है। जिस ब्रोकर से हमने अपना demat अकाउंट ओपन करवाया है वह हमें कुछ margin money भी हमें देते हैं मतलब जैसे हमने ₹100 इंट्राडे ट्रेडिंग मैं लगाया है।
ब्रोकर हमें कुछ परसेंटेज अपनी तरफ से देता है मान लीजिए ₹100 आपके पास है और ब्रोकर आपको ₹900 और देता है और कहता है इससे शेयर खरीद लो और फिर बेच के प्रॉफिट लेकर मार्जिन मनी शाम को लौटा देना।
जब शेयर ट्रेडर ₹900 उधार लेता है यह एक तरह से उधारी है और उसने 1000 के शेयर खरीद लिए मान लीजिए एक शेयर का दाम ₹90 हो गया ₹10 के हिसाब से आपके 10 शेयर में ₹100 का नुकसान हुआ इसी तरीके से आपको अगर प्रॉफिट होता है।
मान लीजिए एक शेयर का दाम ₹110 हो गया तो आपको ₹100 का प्रॉफिट हो गया मतलब पहले आपके पास ₹100 था और ₹100 आपको प्रॉफिट हुआ है तो इस तरह 1 दिन में पैसा डबल हो गया है ₹100 यानी आपके पास ₹200 हो गया यह तो प्रॉफिट हुआ है।
आपको अगर मान लीजिए 90 के हिसाब से 10 शेयर के दाम हो गया ₹900 इस हिसाब से आपको ₹100 का नुकसान हो गया इंट्राडे ट्रेडिंग में आपका Luck काम करता है किसी दिन आपको प्रॉफिट होगा और किसी दिन आपको लॉस होगा इंट्राडे ट्रेडिंग सबसे ज्यादा रिस्की होती है।
अगर आपको फायदा हो भी जाता है शुरुआत के दिनों में लेकिन आखिर में आपको नुकसान होना ही होना है इंट्राडे ट्रेडिंग में जैसे-जैसे आपको प्रॉफिट होगा आप का लालच बढ़ता ही जाएगा इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग शुरुआत में कभी नहीं करना चाहिए।
Swing Trading – स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग मैं ये होता है कि शेयर खरीदते हैं और उसका मोमेंट देखकर कि शेयर बढ़ रहा है या बढ़ेगा और जिस टाइम शेयर के दाम हमारे हिसाब से बढ़ चूका होता है तब हम शेयर बेच देते हैं। स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग से कुछ कम रिस्की होती है।
स्विंग ट्रेडिंग में भी रिक्स होती है इसमें आप शेयर खरीदते हैं यह सोच कर एक हफ्ता या 10 दिन या महीने में शेयर के दाम बढ़ेंगे तो शेयर को बेच देंगे स्विंग ट्रेडिंग मैं नुकसान का चांस कुछ कम रहता है लेकिन नुकसान हो भी सकता है।
Long Term Investment – लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट मैं ये होता है कंपनी का शेयर हम एक बार खरीदते हैं और लंबे समय के लिए शेयर को होल्ड करते हैं जब तक हमें पैसों की कमी ना हो या कंपनी में कुछ खराबी ना देख ले (मतलब जब हमने शेयर खरीदे थे तो कंपनी का परफॉर्मेंस अच्छा था और अब कंपनी का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है) तब हम शेयर नहीं बेचते हैं।
सबसे ज्यादा पैसे शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में ही कमाते हैं इसकी वजह यह है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट मैं मार्केट में उतार चढ़ाव होने पर आपके शेयर पर कोई फर्क नहीं पड़ता जो अच्छे कंपनी होती है वह लॉन्ग ट्राम में प्रॉफिट में ही रहती है।
तो लॉन्ग ट्राम में आपको कंपनी का जो प्राइस बढ़ेगा उसका भी बेनिफिट मिलता है और अच्छी कंपनी का जो प्रॉफिट होता है वो प्रॉफिट का कुछ परसेंटेज डिविडेंड रूप में भी देते हैं जिससे आपको डबल फायदा होगा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट सबसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट होता है लेकिन इसमें काफी टाइम लगता है तो कुछ लोगों को तो जल्दी से पैसे कमाने होते हैं इसीलिए लोग लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पसंद नहीं करते हैं।
Trading Vs Investment बेहतर क्या है
ट्रेडिंग में तो आप जानते हैं कि पैसे तुरंत आपको जल्दी से कमाने हैं तो जल्दी से कमा भी लेंगे लालच में उसके बाद और लालच करेंगे तो पैसे गवाह भी सकते हैं लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में ऐसा नहीं है उसमें बहुत कम लालच होता है।
जहां लालच कम रहेगा तो अपने आप ही वो धीरे-धीरे लेकिन वह लम्बे समय में आपको फायदा मिलेगा इसका जो लोग बिगनर है उनको कुछ नहीं मालूम उनको तो ट्रेडिंग वाले हिस्से को बिल्कुल ही छूना नहीं चाहिए उनके लिए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ही करना बेहतर होगा।
शेयर कैसे खरीदते है
शेयर खरीदने के लिए आपको डीमेट अकाउंट की जरूरत पड़ती है जब आप डिमैट अकाउंट अपना ओपन करवा लेते हैं फिर उसके बाद उसको ऑनलाइन लॉगइन करके वहां पर आप जो भी आपका पसंदीदा शेयर हो उसको वहां पर जाकर सेलेक्ट करके उसको खरीद सकते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या होता है
जिस तरीके से हम बैंक में पैसे रखने के लिए अकाउंट ओपन करवाते हैं उसी तरह हम शेयर के लिए डीमैट अकाउंट ओपन करवाते है। तो उसके बाद हम अपने पैसे को बैंक में ले जाकर जमा कर सकते हैं इसी तरीके से हमे शेयर खरीदा हैं तो शेयर को अपने डीमैट में रखते है।
शेयर डीमेट अकाउंट में ही जाकर स्टोर होता है वहीं पर रखा जाता है डीमेट अकाउंट में शेयर तभी आता है जब हमने शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए कम से कम 3 दिन के लिए खरीदा हो अगर इंट्राडे करेंगे तो हमारा शेयर डीमेट अकाउंट में नहीं आएगा तो हमें जब अपने शेयर को खरीदा है फिर उसकी हम डिलीवरी लेते हैं मतलब उसको उसी दिन नहीं बेचते हैं।
तो फिर वो हमारे डीमेट अकाउंट में आ जाता है शेयर के अलावा भी अब बहुत सी ऐसी चीजें भी है जिन्हें हम डिमैट अकाउंट में ले सकते हैं जैसे गोल्ड भी अब हम डिमैट अकाउंट में ले सकते हैं तो डिमैट अकाउंट काफी बेनिफिट देता है।
डीमैट अकाउंट के फायदे
डिमैट अकाउंट के बहुत सारे फायदे हैं उनमें से एक यही है आप डिमैट अकाउंट के द्वारा शेयर को वहां पर रख सकते हैं इसके अलावा डिमैट अकाउंट के द्वारा आप ETF भी खरीद सकते हैं गोल्ड भी खरीद सकते हैं टाइम टू टाइम गवर्नमेंट कई सारी स्कीम लाती है गोल्ड की जिसको सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बोलते हैं वो भी आप डिमैट अकाउंट के द्वारा ले सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बिना डिमैट अकाउंट के भी ले सकते हैं लेकिन अगर डिमैट अकाउंट होगा तो आप उसको कभी भी (गोल्ड को) बेच सकते हैं या खरीदना चाहे तो खरीद सकते हैं।
डीमैट अकाउंट कैसे खोलें
डिमैट अकाउंट खोलना तो पहले बहुत मुश्किल होता था लेकिन अब घर बैठे ऑनलाइन आप ओपन कर सकते हैं ये बहुत ही आसान काम हो गया है डिमैट अकाउंट कैसे खोलें इसके बारे में एक अलग से आर्टिकल लिखेंगे आप उस आर्टिकल को पढ़कर समझ सकते हैं और डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
शेयर मार्केट में नुकसान कैसे होता है
शेयर मार्केट में नुकसान ज्यादा लालच करने पर होता है जब हम यह चाहते हैं कि शेयर मार्केट से तुरंत का तुरंत हम अमीर हो जाए तब उसको नुकसान उठाने का चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाता है शेयर मार्केट में नुकसान इस तरह से होता है जब हम कोई शेयर खरीदते हैं और फिर शेयर खरीद के हम जल्द से जल्द फायदा लेना चाहते हैं।
इस चक्कर में हम किसी बेकार कंपनी का शेयर खरीद लेते है और वो लगातार गिरता रहता है और खरीदने वाले का बहोत नुकसान हो जाता है।
शेयर बाजार में नुकसान से कैसे बचे
जो लोग शेयर मार्केट में नए हैं शेयर मार्केट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते है उनके लिए बेहतर यही है कि वो इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग ट्रेडिंग से दूर रहे। अच्छी और लार्ज कैप कंपनी का शेयर खरीद करके उसको भूल जाए
जब जब उनके पास मौका आए जब उनको लगे की शेयर का दाम गिर रहा है तो फिर वो शेयर को और खरीद ले बस इसमें एक यही चीज यह ध्यान रखने वाली है कि वो अच्छी कंपनी का शहर खरीदें क्योंकि खराब कंपनी का शेयर खरीदने से आपको कोई भी फायदा नहीं होगा।
अच्छे शेयर कैसे चुने
अच्छा शेयर चुनने का सीधा सा मतलब ये है की जिस कंपनी के बारे में आप जानते हैं जिस कंपनी का प्रोडक्ट यूज करते हैं अपने डेली लाइफ में जिसमें कि आप यह देखते हैं कि प्रोडक्ट भी अच्छा है तो वह कंपनी जब प्रॉफिट कमाईगी तो इस तरह उसका शेयर प्राइस हमेशा बढ़ता ही जाएगा इस बात को फॉलो करके आप एक अच्छा शेयर चुन सकते हैं।
किस कंपनी का शेयर खरीदे
आप जिस कंपनी का प्रोडक्ट अपनी डेली लाइफ में यूज करते हैं और उस कंपनी के बारे में अच्छा जानकारी रखते हैं तो उस कंपनी का शेयर आप खरीद सकते हैं।
जैसे उदाहरण के लिए हमारे घरों में सबसे ज्यादा जो प्रोडक्ट यूज़ किया जाता है साबुन, सर्फ, शैंपू, ऑयल इनमें ज्यादातर कंपनी हिंदुस्तान युनिलिवर का होता है एक और उदाहरण से समझते हैं जैसे बजाज की बाइक लोग पसंद करते हैं तो बजाज ऑटो कंपनी का शेयर खरीद सकता है जिस कंपनी के बारे में आप जानते हैं उस कंपनी का शेयर आप खरीद सकते हैं।
शेयर कब खरीदे
शेयर खरीदने का कोई टाइम नहीं होता शेयर आप कभी भी खरीद सकते हैं जब आपका मन करें आप शेयर खरीद सकते हैं बस सर्त यह है कि कंपनी का शेयर हाय प्राइस पर ना हो।
लेकिन आप लॉन्ग टर्म के लिए खरीदते हैं तो हाई प्राइस पर भी खरीद लीजिए कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन ये हाय या लौ प्राइस कोई बता नहीं पाया आज तक की शेयर मार्केट का प्राइस कब हाय पर है या कब लो पर है बस एक अंदाजा ही हो सकता है।
तो इसीलिए शेयर थोड़ा थोड़ा करके खरीद सकते हैं जिससे कि कभी भी अगर मार्केट में कोई भी नुकसान होगा तो वो ज्यादा नुकसान नहीं होगा। शेयर आप उसी पैसे से खरीदे जो आपके पास एक्स्ट्रा हो अपनी जरूरत से जो पैसे बचे हो अपनी जरूरत के पैसे का कभी भी शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
शेयर बाजार में उतार चढ़ाव कैसे आता है
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव किसी भी न्यूज़ से आ जाता है जैसे कोई बीमारी आ गई तो शेयर बाजार गिर जाता है कभी कोई गवर्नमेंट ने अच्छी पॉलिसी निकाली तो शेयर बाजार बढ़ जाता है शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
शेयर के दाम कैसे बढ़ते हैं
शेयर मार्केट में किसी शेयर का दाम तब बढ़ता है जब कंपनी ग्रो करती है और ज्यादा प्रॉफिट कमेटी है। कंपनी को तभी प्रॉफिट होगा जब कंपनी के प्रोडक्ट अच्छे होंगे और बाजार में उस प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा होगी तो इस कंपनी का प्रॉफिट धीरे धीरे बढ़ेगा और कंपनी की वैल्यू बढ़ जाएगी जिससे इस कंपनी के शेयर के दाम भी बढ़ जाते हैं।
निष्कर्स
तो यह थी शेयर मार्केट की कुछ जरूरी जानकारियां अगर आपको इस आर्टिकल में कुछ सीखने को मिला तो आप इस आर्टिकल को अपने जानने वालों के साथ भी शेयर करें और उनको भी बताएं। ऐसे ही और शेयर मार्केट से जुड़ी ढेर सारी जानकारी इस ब्लॉग में आपको मिलेगी।